2030 तक अमेज़न का भारत से निर्यात का अनुमानित लक्ष्य क्या है?
अमेज़न ने भारत से निर्यात को लेकर 2030 तक $80 बिलियन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है। इसका मतलब है कि आने वाले वर्षों में भारत, अमेज़न के लिए वैश्विक निर्यात के प्रमुख केंद्रों में से एक बन जाएगा।
लक्ष्य हासिल करने की योजना:
- एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों) का समर्थन:
अमेज़न छोटे और मझोले व्यवसायों, निर्माताओं और डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) स्टार्टअप्स को वैश्विक स्तर पर बेचने में मदद करेगा। - “मेक इन इंडिया” को बढ़ावा:
भारत में बने उत्पादों को अमेज़न के वैश्विक बाजारों में ले जाकर निर्यात बढ़ाया जाएगा।
प्रतियोगिता:
अमेज़न के इस कदम के साथ वॉलमार्ट भी पीछे नहीं है। वॉलमार्ट ने घोषणा की है कि वह 2027 तक हर साल $10 बिलियन का सामान भारत से खरीदेगा।
यह प्रतिस्पर्धा न केवल भारत के निर्यात को बढ़ावा देगी, बल्कि छोटे व्यवसायों को भी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहुंचने के नए अवसर प्रदान करेगी।
2025 में भारत की मजबूत वृद्धि पर एसएंडपी ग्लोबल का अनुमान
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने 2025 में भारत की आर्थिक वृद्धि को लेकर एक सकारात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है। उन्होंने 6.8% की जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया है, जो भारत के बुनियादी ढांचे, सेवा क्षेत्र और शहरी खपत में मजबूती के कारण संभव होगा।
मुख्य बिंदु:
- मजबूत शहरी खपत:
शहरी क्षेत्रों में उपभोक्ताओं का खर्च बढ़ रहा है, जिससे अर्थव्यवस्था को समर्थन मिलेगा। - सेवा क्षेत्र की स्थिरता:
भारत का सेवा क्षेत्र, जो अर्थव्यवस्था का प्रमुख भाग है, लगातार वृद्धि दर्ज कर रहा है। - बुनियादी ढांचे में निवेश:
सड़कों, रेल, और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश बढ़ने से आर्थिक गतिविधियों में तेज़ी आएगी।
चुनौतियाँ:
हालांकि वृद्धि का अनुमान सकारात्मक है, कुछ चुनौतियाँ भी बनी हुई हैं:
- सार्वजनिक और घरेलू बैलेंस शीट:
महामारी के बाद से इन क्षेत्रों में कमज़ोरी दिखाई दे रही है। - वैश्विक प्रतिस्पर्धा:
भारत को वैश्विक विनिर्माण क्षेत्र में कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। - कृषि क्षेत्र:
कृषि क्षेत्र की वृद्धि धीमी रही है, जो समग्र विकास को प्रभावित कर सकती है।
मुद्रास्फीति और मौद्रिक नीति:
एसएंडपी का मानना है कि 2025 में मुद्रास्फीति के दबाव कम होंगे, जिससे भारतीय रिज़र्व बैंक मौद्रिक नीति को थोड़ा आसान बनाएगा।
तुलना और पूर्वानुमान:
- यूबीएस: 2025 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.3% किया।
- एसबीआई रिसर्च: 6-6.5% के बीच विकास दर का अनुमान।
- एसएंडपी ग्लोबल: 2025-26 और 2026-27 के लिए क्रमशः 6.7% और 6.8% वृद्धि की भविष्यवाणी, हालांकि पिछले अनुमानों से 20 आधार अंकों की कटौती की गई।
एसएंडपी ग्लोबल का दृष्टिकोण इंगित करता है कि भारत की अर्थव्यवस्था में स्थिर और सकारात्मक वृद्धि जारी रहेगी, बशर्ते बुनियादी ढाँचा, प्रौद्योगिकी और श्रम शक्ति जैसे क्षेत्रों में सुधार को बनाए रखा जाए। हालाँकि चुनौतियाँ मौजूद हैं, लेकिन सरकार और उद्योग के मिलकर काम करने से ये बाधाएँ दूर की जा सकती हैं।
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11 दिसंबर, 2024 प्रमुख समाचार और घटनाक्रम
1. वी.जी.आई. फार्मा प्राइवेट लिमिटेड दिवालियापन प्रक्रिया में
वी.जी.आई. फार्मा प्राइवेट लिमिटेड नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मुंबई बेंच-VI द्वारा 03 दिसंबर, 2024 को कॉर्पोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (CIRP) में प्रवेश कर चुकी है।
- समाधान समय सीमा: 01 जून, 2025।
- अंतरिम समाधान पेशेवर: श्री क्षितिज गुप्ता।
- दावों की अंतिम तिथि: 23 दिसंबर, 2024।
- वित्तीय लेनदारों के लिए केवल इलेक्ट्रॉनिक रूप से दावे प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
- अन्य लेनदार डाक, इलेक्ट्रॉनिक या व्यक्तिगत रूप से दावे कर सकते हैं।
2. हिंदुस्तान पेट्रोलियम: बिना दावे वाले शेयर
HPCL ने उन शेयरधारकों को नोटिस जारी किया है जिन्होंने 2017-18 के बाद से लाभांश का दावा नहीं किया है।
- नियम: कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत, बिना दावे वाले शेयरों को निवेशक शिक्षा और संरक्षण कोष (IEPF) में स्थानांतरित किया जाएगा।
- अंतिम तिथि: 28 फरवरी, 2025।
3. L&T फाइनेंस लिमिटेड द्वारा संपत्तियों की नीलामी
L&T फाइनेंस लिमिटेड ने बकाया ऋणों की वसूली के लिए महाराष्ट्र के डोंबिवली (ईस्ट) स्थित “वर्सटाइल वैली” बिल्डिंग में दो फ्लैट नीलाम करने का ऐलान किया है।
- नीलामी की तिथि: 13 जनवरी, 2025।
- संपत्ति मूल्य: प्रत्येक फ्लैट का आरक्षित मूल्य ₹43,88,080।
- नीलामी मंच: SARFAESI नीलामी पोर्टल।
5. मुंबई में अन्य वित्तीय गतिविधियाँ और वाणिज्यिक विज्ञापन
- दिवालियापन और पुनर्गठन: मुंबई में कई व्यवसाय कॉर्पोरेट पुनर्गठन और कानूनी कार्यवाही का सामना कर रहे हैं।
- ऋण वसूली नोटिस: व्यवसायों और व्यक्तियों के बीच बढ़ते वित्तीय संकट का संकेत देते हैं।
सोने की कीमतों में उछाल: 11 दिसंबर 2024 के बाजार विश्लेषण 📈💰
आज, 11 दिसंबर 2024 को घरेलू वायदा बाजार में सोने की कीमतों में उल्लेखनीय उछाल देखा गया। निवेशकों और विशेषज्ञों की नजरें नवंबर के अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर हैं, जो बाजार के भावी रुझानों को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। आइए, जानें आज के सोने के बाजार के प्रमुख बिंदु।
📊 बाजार में उछाल का कारण:
- मुद्रास्फीति के आंकड़ों का इंतजार:
- अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों पर संभावित फैसले के संकेत देने वाले मुद्रास्फीति आंकड़े आज जारी होने हैं।
- इस अनिश्चितता के कारण निवेशक सोने की ओर रुख कर रहे हैं, क्योंकि यह अस्थिर आर्थिक माहौल में एक सुरक्षित निवेश माना जाता है।
- भू-राजनीतिक तनाव:
- वैश्विक स्तर पर बढ़ते तनाव ने सोने की मांग को और बढ़ावा दिया है।
- बाजार में अनिश्चितता के समय में सोना निवेशकों का पसंदीदा विकल्प बन जाता है।
- घरेलू हाजिर बाजार की मांग:
- शादी-विवाह और त्योहारी सीजन की वजह से भारत में सोने की मांग बढ़ी है, जिससे इसकी कीमतों को सहारा मिला है।
🏷️ MCX गोल्ड के आज के भाव:
- 5 फरवरी 2024 की एक्सपायरी के लिए MCX गोल्ड सुबह 9:15 बजे के आसपास ₹78,885 प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था।
- यह कल के मुकाबले 0.70% की वृद्धि दर्शाता है।
🔍 विशेषज्ञों की राय:
- कीमतों में उतार-चढ़ाव की संभावना:
- अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़ों के जारी होने से पहले सोने और चांदी की कीमतों में अस्थिरता बनी रह सकती है।
- निवेशक सतर्कता से कदम बढ़ा रहे हैं और बाजार के रुझानों का आकलन कर रहे हैं।
- दृष्टिकोण में तेजी:
- विशेषज्ञों का मानना है कि दीर्घकालिक दृष्टिकोण में सोना एक मजबूत निवेश विकल्प बना रहेगा।
- हाल ही में कीमतों में आई तेजी ने मुनाफावसूली को बढ़ावा दिया है, जिससे कुछ निवेशकों ने अपने लाभ सुरक्षित किए हैं।
💡 क्या रखें ध्यान में?
- फेडरल रिजर्व की ब्याज दरें:
- यदि ब्याज दरें स्थिर रहती हैं या घटती हैं, तो सोने की कीमतें और बढ़ सकती हैं।
- उच्च ब्याज दरें सोने की मांग को प्रभावित कर सकती हैं।
- मुद्रास्फीति का असर:
- उच्च मुद्रास्फीति सोने के लिए सकारात्मक संकेत हो सकती है, क्योंकि निवेशक इसे मुद्रास्फीति से बचाव के लिए उपयोग करते हैं।
- घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार की मांग:
- भारत जैसे देशों में सोने की पारंपरिक मांग भी बाजार की कीमतों को स्थिर बनाए रखती है।
📅 आने वाले दिनों में संभावनाएँ:
सोने की कीमतों में हालिया तेजी और निवेशकों की सतर्कता को देखते हुए, अगले कुछ दिनों में बाजार में मुनाफावसूली और नई मांग का मिश्रण देखने को मिल सकता है। अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़े और फेडरल रिजर्व के रुख से सोने की कीमतों का भावी रुझान स्पष्ट होगा।