वॉरेन बफेट के बर्कशायर हैथवे ने Apple के अपने होल्डिंग्स में लगभग 50% की कटौती कर दी है। यह खबर निवेशकों के बीच एक बड़ा सवाल खड़ा करती है कि आखिरकार बफेट ने ऐसा क्यों किया? Apple में बफेट का निवेश सबसे प्रमुख रहा है, और भले ही उन्होंने अपनी हिस्सेदारी घटाई हो, बर्कशायर का Apple में निवेश अभी भी काफी बड़ा है। जनवरी 2024 से अब तक बर्कशायर ने 505 मिलियन शेयर बेच दिए हैं, जो उनके Apple होल्डिंग्स में 5.8% की कमी है। आइए समझते हैं कि बफेट के इस कदम के पीछे संभावित कारण क्या हो सकते हैं।
1. अमेरिकी अर्थव्यवस्था की चिंता
बफेट के इस कदम का पहला और सबसे संभावित कारण अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लेकर उनकी चिंताएं हो सकती हैं। हाल ही में आई एक कमजोर जॉब्स रिपोर्ट में 4.3% की बेरोजगारी दर दिखाई गई, जिसने अमेरिकी आर्थिक गतिविधि के बारे में चिंताएं बढ़ा दी हैं। यह आंकड़ा अक्टूबर 2021 के बाद से सबसे अधिक है। इसके साथ ही, बर्कशायर के नकद भंडार में भी वृद्धि देखी गई, जो $189 बिलियन से बढ़कर $277 बिलियन हो गया है। यह वृद्धि इस बात का संकेत हो सकता है कि बफेट ने भविष्य में अनिश्चितताओं के कारण अपनी नकदी सुरक्षित रखना बेहतर समझा।
2. डिफेंसिव मूव
दूसरा कारण यह हो सकता है कि बफेट और बर्कशायर एक डिफेंसिव मूव की ओर बढ़ रहे हैं। CF रिसर्च की विश्लेषक कैथी सैफर्ड के अनुसार, बफेट के इस कदम के पीछे एक बड़ा कारण उनके ट्रेजरी बॉन्ड्स के प्रति लगाव हो सकता है। ट्रेजरी बॉन्ड्स अमेरिकी सरकार द्वारा जारी की जाने वाली शॉर्ट-टर्म सिक्योरिटीज होती हैं, जिन्हें दुनिया की सबसे सुरक्षित निवेशों में गिना जाता है। 2022 में बर्कशायर के पास $126 बिलियन का निवेश US ट्रेजरी बिल्स में था। इसके अलावा, पिछले दो वर्षों में यील्ड्स में वृद्धि के कारण, बर्कशायर इस कैश होल्ड पर अच्छी कमाई कर रहा है।
3. Apple स्टॉक का धीमा ग्रोथ रेट
तीसरा कारण Apple स्टॉक का धीमा ग्रोथ रेट और उच्च मूल्यांकन हो सकता है। बफेट शायद इस निष्कर्ष पर पहुंचे होंगे कि Apple के स्टॉक के भविष्य के संभावनाएं अब उतनी मजबूत नहीं हैं जितनी पहले थीं। हालांकि, बफेट अब भी Apple के बड़े प्रशंसक हैं, और उन्होंने यह भी कहा है कि Apple बर्कशायर का सबसे बड़ा स्टॉक निवेश बना रहेगा। लेकिन उच्च 21% फेडरल टैक्स रेट के कारण स्टॉक्स को बेचना एक व्यावहारिक कदम हो सकता है।
4. वॉरेन बफेट की विशेषज्ञता
आखिरकार, सबसे सरल कारण यह हो सकता है कि बफेट वही कर रहे हैं जो वे हमेशा से करते आए हैं – सही समय पर सही निर्णय लेना। वॉरेन बफेट की गिनती दुनिया के सबसे सफल निवेशकों में होती है, और उन्होंने पिछले छह दशकों में शेयर बाजार में अपनी विशेषज्ञता का लोहा मनवाया है। इसलिए, Apple के इतने बड़े हिस्से को बेचने का उनका निर्णय कुछ ऐसा हो सकता है जिसे हम समझ भी नहीं सकते।
निष्कर्ष
वॉरेन बफेट का Apple में अपनी हिस्सेदारी में कटौती करना निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण घटना है, लेकिन इसके पीछे के कारण विविध और जटिल हो सकते हैं। अमेरिकी अर्थव्यवस्था की चिंता, डिफेंसिव निवेश रणनीति, और Apple के स्टॉक के धीमे ग्रोथ रेट सहित कई कारण हो सकते हैं। लेकिन एक बात निश्चित है – वॉरेन बफेट के निर्णय हमेशा सोच-समझकर लिए गए होते हैं, और उनका हर कदम बाजार में हलचल मचा देता है।
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